30 नवंबर की रात थी—भव्य सजावट, ढोल का धमाका, चूड़ियों की खनखनाहट और रिश्तेदारों की भीड़।
यही थी सोनू के बड़े भाई की शादी।
प्रीति अपनी मौसी के परिवार के साथ आई थी। दोनों एक-दूसरे को नहीं जानते थे… अभी तक।
🌸 पहली मुलाक़ात – वरमाला के मंच पर
वरमाला का शूम्बर शुरू हुआ था।
दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर खड़े थे, और सभी लोग उनके इर्द-गिर्द फोटो लेने में जुटे थे।
सोनू फोटोग्राफर के पास खड़ा था।
तभी एक लड़की उसके बगल में फ्रेम में आ गई—हल्का गुलाबी लहँगा, पोनीटेल, और क्यूट सी घबराहट।
प्रीति।
भीड़ में उसका दुपट्टा फूलों की वायर में फँस गया।
सोनू ने तुरंत आगे बढ़कर दुपट्टा छुड़ा दिया।
प्रीति ने धीमे, शर्माए-सजाए अंदाज़ में कहा—
“थैंक यू… वरना मैं भी वरमाला के साथ स्टेज पर चढ़ जाती!”
सोनू ने पहली बार किसी शादी में ढोल से ज़्यादा दिल की आवाज़ सुनी थी।
📱 शादी के बाद – मिस्ड कॉल वाला खेल
रिसेप्शन खत्म होने तक दोनों की आँखें कई बार मिली थीं।
कोई बात नहीं हुई, लेकिन नज़रें काफी कह गईं।
रात में प्रीति को शरारत सूझी।
उसने कज़िन से सोनू का नंबर लेकर उसे मिस्ड कॉल कर दिया।
अगली सुबह—
सोनू: “हेलो? आपने कॉल किया था?”
प्रीति: “हाँ… गलती से 😉”
“आप मुझे जानते नहीं, पर मैं शादी में थी।”
सोनू कन्फ्यूज़ था।
कौन हो सकती है?
अगले ही दिन जब मेहंदी फंक्शन में प्रीति आई और मुस्कुराकर बोली—
“मिस्ड कॉल मैंने ही किए थे।”
तो सोनू बस वही देखता रह गया।
यहीं से दोनों की बातों की शुरुआत हुई—चुटकियाँ, मज़ाक, छोटी-छोटी हँसी और धीरे-धीरे बढ़ती समझ।
🎉 सगे-संबंधियों की नज़रें – और दोनों का साथ
शादी के अगले दो दिन संगीत, हल्दी, मेहंदी, कॉकटेल सब चलता रहा।
हर फंक्शन में सोनू–प्रीति की नज़रें भी चुपचाप मिलती रहीं।
कभी सोनू प्रीति को पानी लाकर देता,
कभी प्रीति सोनू को सही स्टेज लाइट पकड़ने में मदद करती।
दोनों का साथ जितना नैचुरल था, रिश्तेदारों की नज़र उतनी ही तीखी हो गई।
🍮 शादी का सबसे बड़ा हास्यास्पद पल – “रसगुल्ले की ग्रेवी कांड”
वालीमा के दिन खाना परोसा जा रहा था।
कैटरर ने किसी अजीब वजह से "रसगुल्ले की मीठी ग्रेवी" वाली डिश रख दी थी—कुछ मीठी, कुछ नमकीन, सबको कन्फ्यूज़ करने वाली।
सोनू प्लेट लेकर खड़ा था—एक कटोरी रसगुल्ला और साथ में चम्मच भर ग्रेवी।
प्रीति पास ही थी और हँसते हुए बोली—
“ये डिश किसने बनाई? ये मिठाई है या सब्ज़ी?”
सोनू कुछ बोलता उससे पहले ही…
पीछे से किसी बच्चे ने दौड़ते हुए ज़ोर की टक्कर मार दी—
और…
पूरी रसगुल्ले की ग्रेवी…
सीधे पहुँच गई चाचा जी के कुर्ते पर।
रसगुल्ला उनके कंधे पर चिपक गया।
और ग्रेवी धीरे-धीरे नीचे बहती रही।
पूरा मंडप शांत।
प्रीति ने धीरे से कहा—
“सोनू… भाई—तू गया!”
चाचा जी गरज पड़े—
“ये किसने किया?!”
सोनू आगे—
“चाचा, सॉरी… ये मुझसे गलती से गिर गया।”
लेकिन प्रीति तुरंत बोल पड़ी—
“नहीं चाचा, गलती मेरी थी! मैं मज़ाक कर रही थी और इसका ध्यान भटका।”
दोनों एक-दूसरे की गलती लेने में जुट गए।
रिश्तेदार हक्के-बक्के।
👨👩👧 Family Meeting का बड़ा सीन
सबने दोनों को पकड़कर बात करने के लिए कमरे में बिठाया।
चाचा, मम्मी, मौसी—सब इकट्ठा।
चाचा जी नाराज़—
“ये रसगुल्ले या ग्रेवी नहीं, ये गै़र-ज़िम्मेदारी है!”
सोनू—
“चाचा, सच में मेरी गलती थी।”
प्रीति—
“ना! ये आगे इसलिए आया क्योंकि मैं इसे चिढ़ा रही थी।”
मम्मी ने हँसते हुए कहा—
“अरे बच्चों की गलती पर इतना कौन चढ़ता है?
रसगुल्ला है… गोली तो नहीं फेंक दी!”
सब हँस पड़े।
चाचा जी भी हँसी रोक नहीं पाए।
आखिर में बोले—
“ठीक है भाई! माफ़ किया… लेकिन अगली बार खाना सँभालकर उठाना!”
सोनू–प्रीति एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए।
🌟 “विदाई, नंबर एक्सचेंज और पहला वादा”
शादी का आखिरी दिन था।
सारा परिवार विदाई की तैयारियों में व्यस्त था—दूल्हा अपने घर लौटने वाला था और मेहमान भी धीरे-धीरे घर लौट रहे थे।
सोनू और प्रीति थोड़ी दूरी पर खड़े थे।
सभी नज़दीकियों, रसगुल्ले की ग्रेवी वाले कांड और हँसी-मज़ाक के बाद अब एक नॉर्मल पल मिला था—चुपचाप, पर दिल की धड़कनों वाला।
🌸 विदाई का पल
प्रीति ने चुपचाप कहा—
“सोनू, शादी इतनी जल्दी ख़त्म हो जाएगी… और मैं तुमसे ज्यादा बातें नहीं कर पाऊँगी।”
सोनू मुस्कुराया और बोला—
“अरे, कोई बात नहीं। हम नंबर एक्सचेंज कर लेंगे। फिर हर रोज़ बात कर सकते हैं।”
दोनों के हाथ में हल्की-सी नज़रें और शर्मिली मुस्कान थी।
प्रीति ने धीरे से अपने फोन पर अपना नंबर टाइप किया और सोनू को दे दिया।
“अब मैं तुझे कॉल करूँगी… अगर तू डरता नहीं तो।”
सोनू ने मुस्कुराते हुए अपना फोन प्रीति को थमा दिया—
“डर? नहीं… मैं तो बस इंतजार कर रहा था।”
📱 पहला चैट वाला वादा
विदाई के दौरान दोनों ने एक-दूसरे को आखिरी बार देखा।
सोनू ने धीरे से कहा—
“सुनो, अब से कोई भी कांड हो… रसगुल्ले गिरें या ग्रेवी फैल जाए…
हम हमेशा साथ संभालेंगे, ठीक है?”
प्रीति ने हल्की हँसी के साथ सिर हिलाया—
“ठीक है। वादा।”
और फिर दोनों ने आखिरी बार हाथ हिलाया।
दोनों की आँखों में वो चमक थी—जो शादी के मंच से शुरू हुई थी और अब एक नए सफ़र की शुरुआत कर रही थी।
🌟 और इस तरह—सोनू और प्रीति की शादी वाली कहानी का आखिरी दिन भी उनके प्यार और समझदारी के साथ खत्म हुआ।
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पहली मुलाक़ात – वरमाला
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मिस्ड कॉल और शरारत
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रसगुल्ले की ग्रेवी कांड
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फैमिली मीटिंग
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विदाई और पहला वादा
अब उनके रिश्ते की कहानी यहीं नहीं रुकी… बल्कि ये बस शुरुआत थी।
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